डर और घबराहट पर काबू कैसे पाएं | Overcoming Fear : Dar ko kaise dur kare ?

Overcoming Fear

Kai Logon ke Dimag me Dar istarha sama jata hai ki unhen samajh nahi aata ki is Dar ko kaise dur kare ? Doston is Problem ko Overcoming Fear Kahate Hain To aaj is post me main apkon Dar Yani Fear ko door Karne ka ek easy tarika batahuga jo aapo dar par kaaboo paane me kaafi had tak madd karega. chaliye baki ki post me hindi lipi me likta hun jisse apko padhne me aasani ho. dar ko kabu me kaise karen ya dar ko door karise karen.

कई बार ऐसा समय आता है जब हमें डर और घबराहट का सामना करना पड़ता है, उस समय हम अपने डर और घबराहट पर काबू कैसे पा सकते हैं ? तो आज हम जानेंगे की डर और घबराहट पर काबू कैसे पाएं

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डर और घबराहट पर काबू कैसे पाएं | Overcoming Fear

डर  (Fear) और घबराहट कई प्रकार से  होता है जैसे कुछ होने का डर , कुछ न होने का डर, कुछ खोने का डर, अपमान का डर या कोई भी डर जो हमें अंदर ही अंदर कमजोर और असहाय बना देता है, तो ऐसा क्या तरीका है जिससे कुछ ऐसा हो जाये की डर लगे ही ना। यानि हमारी लाइफ एकदम फीयरलेस (Fearless) हो जाये। तो इस डर को कैसे दूर किया जाये (How to Overcome this Fear) ?. यह जानने से पहले ये जानते हैं की डर होता क्या है। 

डर क्या है ?  What is Fear ?

सबसे पहले तो मैं यहाँ ये Clear करना चाहता हूँ कि डर और जोखिम में फर्क है।  यह सब जानते हैं अगर आग में हाथ डाल दिया जाये तो हाथ जल जायेगा, अगर हम उस आग में हाथ नहीं डाल  रहें हैं तो क्या हम ऐसा इसलिए नहीं कर रहें हैं क्योंकि हम डरते हैं या इसलिए क्योंकि हम जानते हैं कि आग से हाथ जल जायेगा। अगर फिर भी हम हाथ आग में डालते है तो हम जोखिम ले रहे हैं। 
तो सवाल है की आखिर डर क्या है, अगर हम डर यानि Fear की परिभाषा देखेंगे तो डर यानि Fear चार शब्दों से बना है – F E A R (False Evidence Appearing Real) यानि कोई ऐसी कल्पना जो झूठ है पर हम उसे सच मान रहे हैं। यह हमारे मन की सोच है यानि डर हमारे दिमाग में चलता है।

डर हमारे दिमाग में पलता है और धीरे धीरे बड़ा होता जाता है।

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डर और घबराहट पर काबू कैसे पाएं | Overcoming Fear

Dar ko kaise dur kare ?

डर कैसे बनता है ? How is Fear Create?

डर की सही वजह है Problem यानि Life में जितनी ज्यादा परेशानियाँ आती हैं, उतना ही डर बढ़ता जाता है। यदि आप एक नौकरी करते हैं और आप से कह दिया जाये यदि आपने ठीक से काम नहीं किया तो आपको नौकरी से निकाल दिया जायेगा तो आपके मन में डर पैदा हो गया, अब आप काम तो कर रहे हैं पर डर के साथ। 
डर Emotionally भी बनता है।  कोई ऐसा फ्रेंड या कोई भी जिसे आप बहुत प्यार करते हैं उसे खोने का डर। आप कोई ऐसे पद पर हैं कि आपको लगता हैं मुझसे कोई गलती न हो जाये तो अपमान का डर। कुछ डर तो स्वाभाविक हैं, अगर सही मायने में कहा जाये तो वो डर नहीं हैं वो आपकी नॉलेज है यानि आप जानते हैं जैसे एक कुआ है जो बहुत गहरा है उसमे झाकने से डर लगता है तो यह डर सही है क्योंकि आप उसमे गिर सकते है।  अगर इस तरह का डर आपके दिमाग में आता है तो यह डर नहीं है क्योंकि ऐसा करना Dangerous है। 
Actually डर तो वो है जो काल्पनिक है, जो हो भी सकता है और नहीं भी, पर उसके होने न होने का डर आपके दिमाग में चलता रहता है। 

डर के क्या परिणाम है ? What is the Result of Fear?

“सोचिये सड़क पर कोई यह सोचकर न निकले कि कही Accident न हो जाये।”  दोस्तों, डर एक ऐसी मानसिक दशा (Mental Condition) है जो आगे बढ़ने नहीं देती।  डरा हुआ व्यक्ति कही सफल नहीं हो पाता।  डरा हुआ व्यक्ति कोई निर्णय नहीं ले पाता।  
यह व्यक्ति का डर ही होता है जो उसे नया करने से रोकता है क्योंकि असफलता का डर, अपमान का डर, लोग क्या कहेंगे का डर व्यक्ति को उठने नहीं देता। डरा हुआ व्यक्ति खुद अपने आप को Discouraged करता है और गलत निर्णय लेता है। 

डर और घबराहट पर काबू कैसे पाएं | Overcoming Fear

Dar ko kaise dur kare ?

दोस्तों, डर दो वजह से होता है पहली जब प्रॉब्लम आती है, अगर अपने उस प्रॉब्लम का सलूशन नहीं ढूंढा तो वह डर बन जाती है। उस समय हमारे पास दो रास्ते होते हैं या तो हम डर कर पीछे हट जायें या उस प्रॉब्लम को सोल्व कर आगे बढ़ें। 
दूसरी वजह है Attachment यानि लगाव – जब हमें  किसी चीज से जितना ज्यादा लगाव होता है उसे खोने का डर भी उतना ही होता है। किसी चीज से इतना लगाव मत कीजिये कि उसे खोने का डर बन जाये। हो सकता है आपका कोई दोस्त जो आपका बहुत अच्छा दोस्त है, कुछ साल बाद आपका बड़ा दुश्मन बन जाये।  
अपने कभी छोटे बच्चे को ज़िद करते देखा होगा, जब वो किसी एक खिलौने के लिए ज़िद करता है रोता है जब हम वो खिलौना उसे दिला देते हैं तो कुछ दिनों तक उसे उस खिलौने से इतना लगाव रहता है की बाकी के और खिलौने वो भूल जाता है पर कुछ दिनों बाद वो खिलौना कही टूटा फूटा पड़ा होता है। इसी तरह हमे भी कुछ चीज़ो से लगाव हो जाता है और हमे लगता है की यह ऐसी चीज़ है जिसके बिना मैं नहीं रह सकता और उसे खोने का डर पैदा होता है।  अगर इस डर को निकलना है तो लगाव को छोड़ना पड़ेगा।
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3 Replies to “डर और घबराहट पर काबू कैसे पाएं | Overcoming Fear : Dar ko kaise dur kare ?

  1. बहुत बहुत धन्यवाद इस पोस्ट को लिखने के लिए इस पोस्ट से काफी अच्छी जानकारी मिली। Thank you।

  2. आपने तो बहुत ही बढ़िया पोस्ट लिखा है दिल से डर निकालने के बारे में इस पोस्ट को पढ़कर काफी लोगों को फायदा होगा धन्यवाद

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