बड़ी सोच की शक्ति | Power of Big Thinking | Hindi Inspirational Article

Big Thinking Power

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Power of Big Thinking

दुनिया में जितने भी अविष्कार हुये, किसी की सोच का नतीजा थे, एक सामान्य सोच नहीं बल्कि एक बड़ी सोच (Big Thinking ) के कारण।  व्यक्ति बड़ा तभी बनता है जब उसकी सोच बड़ी होती है।  Big Thinking  ही एक व्यक्ति को सामान्य से ख़ास बनाती है। 

दुनिया में तीन तरह के लोग हैं, पहला बहुत सफल और अमीर, दूसरे मिडिल क्लास जो न अमीर हैं और न गरीब और तीसरे में गरीब लोग आते हैं।  यदि आप ध्यान से देखें तो अमीर आदमी और अमीर होता जाता है और गरीब और गरीब होता जाता है। मिडिल क्लास ज्यादातर मिडिल ही बना रहता है। 

बड़ा आदमी बड़ा क्यों है क्या वो शारारिक रूप से ज्यादा मज़बूत होता है, क्या वो अतिरिक्त घंटे काम करता है ? इसका जबाब है, नहीं  – एक आदमी बड़ा और सफल अपनी बड़ी सोच (Big Thinking) के कारण से बड़ा बनता है और मज़े की बात यह है कि वो एक मिडिल क्लास और गरीब आदमी से कम ही मेहनत करता है, बस उसके पास एक Big Thinking होती है। 

मिडिल क्लास आदमी की सोच मिडिल होती है अपनी Common Thinking के कारण एक सामान्य आदमी सामान्य ही बना रहता है और एक गरीब आदमी की सोच जैसी होती है वो वैसा ही होता है। 

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छोटी सोच कैसे पैदा होती है? 

आपने सुना होगा ‘छोटी सोच और पैर की मोच आदमी को आगे बढ़ने नहीं देती। छोटी सोच पैदा होती है डर से, Insecurity के डर से, छोटी सोच पैदा होती है बड़ा न सोच पाने से, छोटी सोच पैदा होती है काम टालने से, छोटी सोच पैदा होती है बिना लक्ष्य (मकसद) के ज़िन्दगी गुज़ारने से।  छोटी सोच वाला व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ वक्त काटने के बारे में सोचता है। 

बड़ी सोच (Big Thinking) कैसे पैदा होती है ?

इस धरती पर जितने भी अविष्कार और खोजें हुई हैं वो किसी की बड़ी सोच का ही नतीजा हैं। अविष्कार और खोजों से पहले वो चीज़े  जो असंभव लगती थी, किसी को भी विश्वाश नहीं होता था की ऐसा हो सकता है परन्तु किसी की बड़ी सोच की शक्ति के द्वारा यह संभव हो सका। 

पहले किसी को यकीन नहीं होता था कि एक शहर से दूसरे शहर, एक देश से दूसरे देश बिना जाये किसी व्यक्ति से बात हो सकती है, कोई सोच नहीं सकता था और न सोचना चाहता था। बस एक आदमी ‘ग्राहम बैल” ने बड़ा सोचा और  टेलीफोन का आविष्कार कर दिया। 

चीज़ो को उछालो तो वो नीचे ही आती हैं, पेड़ से सेब नीचे ही गिरता है पर ऐसा क्यों होता है इसका पता भी किसी सामान्य सोच ने नहीं बल्कि बड़ी सोच ने लगाया।  सर आइजक न्यूटन ने बड़ा सोचा, उन्होंने पता लगाया की चीज़े गुरुत्वाकर्षण (ग्रेविटेशन) के कारण नीचे गिरती है।  पता लगाने से पहले भी चीज़े नीचे ही गिरती थी, पर एक बड़ी सोच के द्वारा ही कोई बड़ी खोज सम्भव है। 

बड़ी सोच पैदा होती है उत्सुकुता से, बड़ी सोच पैदा होती है बड़े लक्ष्य  बनाने से, बड़ी सोच पैदा होती हैं कुछ कर गुजरने के जोश से, बड़ी सोच पैदा होती है सामान्य से खास बनने की चाहत में, बड़ी सोच पैदा होती है चीज़ो में लोगों में सकारात्मकता देखने से, बड़ी सोच पैदा होती हैं अपने आप को महतवपूर्ण समझने से। 

बड़ी सोच की शक्ति | Power of Big Thinking 

1 -यदि आप अपने आप को बदला चाहते हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी सोच बदलनी होगी। अपनी सोच बड़ी करनी होगी। छोटी सोच से आप बड़ी सफलता हांसिल नहीं कर सकते।

2 – बड़ी सोच वाले व्यक्ति को आप छोटा सा काम भी दें वो अपनी Big Thinking  के द्वारा उस काम को भी बड़ा बना देगा और दूसरी तरफ एक छोटी सोच वाले व्यक्ति को आप बड़ा काम भी दें वो उसे आगे नहीं बढ़ा सकता।

3 – जब आप बड़ा सोचते हैं तो आपके सामने अवसर भी बड़े आते हैं और अपनी बड़ी सोच के कारण आप उन अवसरों को पहचान लेते हैं, और उन पर काम कर सफल होते हैं। हो सकता है कोई मौका या अवसर में प्रयास करने के बाद भी सफल न हो पायें या जो मौका था वो धोखा हो पर बड़ी सोच रखने वाला निराश नहीं होता उस धोके मैं भी वो और अवसर को खोज लेता है। छोटी सोच वाले व्यक्ति को अवसर भी छोटे मिलते है और इसको भी वो पूरा लाभ नहीं ले पाते।

4 – बड़ी सोच (Big Thinking) वाला व्यक्ति अपने हालातों से हार नहीं मानता जो वो चाहता है जितना बड़ा वो सोचता है और वो करता है क्योंकि उसे मालूम है वो कर सकता है।

5 – बड़ी सोच और अपने ऊपर विश्वाश किसी भी सफलता के लिए बहुत जरूरी हैं। बड़ी और सकारत्मक सोच आपकी मनोस्तिथि को बदल देती है और  बदली हुई  मनोस्तिथि आपकी स्तिथि को बदल देती है।

6 –  एक छोटी सोच रखने वाला व्यक्ति अपनी छोटी सोच के कारण कुछ बड़ा नहीं कर पाता। बड़ा करना मुश्किल नहीं है, बल्कि बड़ा सोचना मुश्किल है क्योंकि जब आप बड़ा सोचना शुरू कर देंगे आप बड़ा करना शुरू कर देंगे। 

7 – यह सोचो कि काम महत्पूर्ण है – जिस काम को आप कर रहें हैं वो आपकी सोच का ही नतीजा है। एक छोटा काम बड़ा तब बनता है जब आप उसे बड़ा करने के बारे में सोचते हैं। जब आप वक्त काटने वाले फार्मूला पर काम कर रहें हैं तो क्या आप बड़ा सोच पायेंगे। 

8 -यह बात सही है की मेहनत की बिना कुछ भी हांसिल नहीं किया जा सकता। पर क्या केवल मेहनत के दम पर सफलता हांसिल की जा सकती है ? बिलकुल नहीं – सफलता, पैसा, कामियाबी सिर्फ और सिर्फ मेहनत से मिलती जो सबसे ज्यादा सफल मज़दूर होते, एक रिक्शा वाला होता, क्योंकि वह सबसे ज्यादा मेहनत करता है। लेकिन यही मज़दूर, रिक्शे वाला और अन्य जो खूब मेहनत करते हैं (शारारिक और दिमागी) अगर अपनी सोच बड़ी कर ले तो क्या वो सफल नहीं हो जायँगे ? 

9 –   बड़ी सोच से व्यक्ति अपने आप को बदल सकता है  वो सफल और अमीर हो सकता है। (एक अंश डेविड जे. श्वार्टज़ द्वारा लिखी पुस्तक ‘बड़ी सोच का बड़ा जादू” से लिया गया है। ) “तीन  मज़दूर जो काम कर रहे थे उनसे पूछा गया तुम क्या कर रहे हो ? पहले मज़दूर ने कहा में ईंट  जमा रहा हूँ, दूसरे ने जबाब दिया मज़दूरी कर रहा हूँ जिससे पैसे कमा सकूँ और तीसरे मज़दूर ने जबाब दिया मैं शानदार मकान बना रहा हूँ। इस छोटी से वार्तालाब में आप क्या देख पा रहे हैं ? शायद पहले दो मज़दूर अपनी पूरी ज़िन्दगी वही काम करते रहेंगे ईंट ढोने और ईंट जमाने का, क्योंकि उनकी सोच वही तक सीमित थी। वो बड़ा नहीं सोच पा रहे थे। परन्तु तीसरा मज़दूर जिसने कहा वो एक शानदार घर बना रहा है वो हमेशा ईंट नहीं उठता रहा होगा। शायद वो फोरमेन, कांट्रेक्टर या शायद आर्किटेक्ट बन गया होगा।”

10 – भले ही दो व्यक्तियों की शिक्षा, माहौल, परिवार समान हो परन्तु उनकी सोच में अंतर होता है। भले ही एक व्यक्ति उच्च  शिक्षा और अच्छे  माहौल से हो परन्तु उसकी सोच छोटी है तो वो सफल नहीं और सकता और भले भी एक व्यक्ति अच्छी शिक्षा हांसिल न कर पाया हो और उसे माहौल भी अच्छा न मिला हो पर अपने बड़ी सोच के कारण वो एक बड़ी सफलता हांसिल कर लेता है।

 

जब आप मानते हैं कि कुछ किया जा सकता है, तो वास्तव में विश्वास करें, आपका मन इसे करने के तरीके ढूंढ लेगा। एक समाधान पर विश्वास करने से समाधान का मार्ग प्रशस्त होता है। ” – डेविड जे. श्वार्ट्ज, (Writer of The Magic of Thinking Big)

डेविड जे. श्वार्टज़ द्वारा लिखी पुस्तक ‘बड़ी सोच का बड़ा जादू” बड़ी सोच और उससे होने वाले परिणामों पर ही आधारति है। उन्होंने इस पुस्तक के कई उदाहरणों और सरल भाषा का प्रयोग किया है। इस पुस्तक का प्रयोग कर कई लोग लाभान्वित हुए हैं। बड़ी सोच से आप बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं, बड़ी सोच से आप समाज में अपना स्तर ऊँचा उठा सकता हैं , बड़ी सोच से आप अपने पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में मधुरता ला सकता हैं , बड़ी सोच से आप अपने टैलेंट को निखार सकते हैं। बड़ी सोच से आप उच्च छोटी में अपनी जगह बना सकते है।  मैं आपको सलाह देना चाहूंगा कि आपको इस पुस्तक को ज़रूर पढ़ना चाहियें। 

लोग बड़ा सोचने से डरते हैं, लेकिन अगर आप छोटा सोचते हैं, तो आप केवल छोटी चीजें ही हासिल करेंगे। जब सोचना ही है तो बड़ा क्यों न सोचा जाये। इस तरह बड़ी सोच (Big Thinking ) द्वारा आप एक खुशियोंभरा सफल जीवन बिता सकते हैं।  बड़ा लक्ष्य सोचो और बड़ी सफलता हांसिल करो। 

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